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ख़ुदा और मैं

मुझसे ख़ुदा ने कहा मत कर इंतज़ार उसका इस जन्म में मिलना मुश्किल-सा है मैंने भी कह दिया लेने दे मज़ा इंतज़ार का अगले जन्म में तो मुमकिन है

उसने कहा मत कर इतना प्यार तुम बहुत पछताएगा !!!!! मैंने भी कह दिया- देखते हैं तूं और कितनी मेरी मोहब्बत को तड़पाएगा

फिर उसने कहा- हटा दे उसे चल तुझे जन्नत के हूर से मिलाता हूॅं

मैंने भी कहा-- ज़रा ज़मीं पर आकर देख मेरे प्यार का मुस्कुराता चेहरा तूं भी अपनी जन्नत छोड़ मेरे साथ चला आएगा

तिलमिलाकर कर फिर उसने कहा-- मत भूल अपनी औक़ात आख़िर है तो एक मामूली इन्सान की औलाद

तो मैंने भी कह दिया उसे- तूं मिला दे मुझे मेरे प्यार से और तू साबित कर तूं ही है ख़ुदा

इस पर उसने जाते-जाते कहा- की जा वह मिले ना मिले पर तड़प कर तुझे मौत जरूर मिलेगी !!!

फिर मैंने भी कह दिया-- कोई बात नहीं है मेरे जालिम-ए- ख़ुदा तेरी यह दुआ-ए-तड़प भी मुझे मंज़ूर होगी बस मेरी एक आख़री आरजू-ए-ख्वआहइश पूरी करना मेरी कब्र और कब्र-ए-ख़ाक में उसके मेहंदी की ख़ुशबू रूह-ए-बसर कर देना। ©–अभिषेक चतुर्वेदी अभि'

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1 Comments

Abhinav ji

04-Sep-2023 07:16 AM

Very nice 👍

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